1. मक्का का ( वानस्पतिक नाम : Zea mays- जिया मेज एल )
2. परिवार (कुल) ग्रेमानी (घास परिवार )
3. इसे अनाजों की रानी भी कहा जाता है
4. यह C4 पौधा वर्ग मे आता है !
5. जन्म ( मैकिसको ) है
6. मक्का ( Monoecious ) प्रकार का पौधा है !
7. पुष्पक्रम ( Tassel नर भाग को कहते है )
8. प्रोटीन –Zein नाम से जानी जाती है
9. मक्का के दाने में 10-11% प्रोटीन पाई जाती है
1. मक्का के दाने अलग करने की क्रिया को –Shelling ( Shelling Machine )
2. भारतीय मक्का अनुसंधान नई दिल्ली में है !
3. इसमे तीन प्रकार की जड़े पायी जाती है !
4. संकर मक्क उत्पादन में NPK- 120.50.40 kg /ha
5. एट्राजीन (खरपतवारनाशी ) के लिए प्रयोग होता है
· एक प्रमुख खाद्य फसल हैं , जो मोटे अनाजो की श्रेणी में आता है । इसे भुट्टे की शक्ल में भी खाया जाता है । मक्का की फसल में नर भाग पहले परिपक्व हो जाता है ।
1. उत्पादन में प्रथम राज्य कौन सा है ?
भारत में मक्का की खेती जिन राज्यों में व्यापक रूप से की जाती है वे हैं - आन्ध्र प्रदेश , बिहार , कर्नाटक , राजस्थान , उत्तर प्रदेश इत्यादि । इनमे से राजस्थान में मक्का का सर्वाधिक क्षेत्रफल है व आन्ध्रा में सर्वाधिक उत्पादन होता है ।
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· बुवाई का समय
1. खरीफ : - जून से जुलाई तक ।
2. रबी : - अक्टूबर से नवम्बर तक ।
3. जायद :- फरवरी से मार्च तक ।
· भारत मे 7 प्रकार के मक्का पाए जाते है !
1. पॉप कॉर्न
2. स्वीट कॉर्न
3. फ्लिंट कॉर्न
4. वैक्सि कॉर्न
5. पॉड कॉर्न
6. सॉफ्ट कॉर्न
7. डेंट कॉर्न
· इसे सभी प्रकार की मिट्टियों में उगाया जा सकता है तथा बलुई , दोमट मिट्टी मक्का की खेती के लिये बेहतर समझी जाती है । मक्का एक ऐसा खाद्यान्न है जो मोटे अनाज की श्रेणी में आता !
· मक्का भारत में चावल और गेहूं के बाद तीसरी सबसे महत्वपूर्ण अनाज की फसल है । वैश्विक स्तर पर यह खाद्य , फ़ीड , चाटा और बड़ी संख्या में औद्योगिक उत्पादों के लिए कच्चे माल के रूप में उपयोगी है । मक्का के व्यापक अनुकूलन क्षमता के कारण इसे समुद्र तल से लेकर समुद्र तल से 3000 मीटर ऊँचाई तक भी उगाया जा सकता है ।
· मक्का खरीफ ऋतु की फसल है , परन्तु जहां सिचाई के साधन हैं वहां रबी और खरीफ की अगेती फसल के रूप मे ली जा सकती है । मक्का कार्बोहाइड्रेट का बहुत अच्छा स्रोत है । यह एक बहपयोगी फसल है व मनुष्य के साथ- साथ पशुओं के आहार का प्रमुख अवयव भी है तथा औद्योगिक दृष्टिकोण से इसका महत्वपूर्ण स्थान भी है ।
· चपाती के रूप मे , भुट्टे सेंककर , मधु मक्का को उबालकर कॉर्नफलेक्स , पॉपकार्न , लइया के रूप मे आदि के साथ - साथ अब मक्का का उपयोग कार्ड आइल , बायोफयूल के लिए भी होने लगा है । लगभग 65 प्रतिशत मक्का का उपयोग मुर्गी एवं पशु आहार के रूप मे किया जाता है । साथ ही साथ इससे पौष्टिक रूचिकर चारा प्राप्त होता है । भुट्टे काटने के बाद बची हुई कडवी पशुओं को चारे के रूप मे खिलाते हैं । औद्योगिक दृष्टि से मक्का में प्रोटिनेक्स , चॉक्लेट पेन्ट्स स्याही लोशन स्टार्च कोका - कोला के लिए कॉर्न सिरप आदि बनने लगा है । बेबीकार्न मक्का से प्राप्त होने वाले बिना परागित भुट्टों को ही कहा जाता है । बेबीकार्न का पौष्टिक मूल्य अन्य सब्जियों से अधिक है ।