रावण के बारे में जानकारी, रावण के परिवार के बारे में जाने ।

जैसा की आप सब जानते हैं कि विजयादशमी क्यों मनाई जाती है । जी हाँ , इस दिन राम जी ने रावण का संहार किया था । भगवान् राम को कौन नहीं जनता ? सारा जग उनकी महिमा का गुणगान करता है । पर शायद ही कोई उस युद्ध में मरे गए रावण के और उसके परिवार के बारे में जनता हो । अगर नहीं जानते तो कोई बात नहीं । हम आपके लिए लायें हैं रावण के परिवार की जानकारी लेख ‘ रावण का परिवार में :


रावण का परिवार

रावण के नाम और उनके अर्थ 

रावण के जन्म के समय उसके दस सिर थे इस कारण उसका नाम दशानन या दशग्रीव रखा गया था । जिसमें ‘ दश — का अर्थ दस और — आनन — का अर्थ मुख है । लंका का रजा होने के कारण उसे लंकापति या लंकेश भी कहा जाता है । सबसे प्रसिद्द नाम रावण का अर्थ है दूसरों को रुलाने वाला या गर्जन । यह नाम भगवान् शंकर ने उन्हें दिया था ।


रावण का जन्म स्थान 

ऐसा माना जाता है की गौतम बुद्ध नगर जिले के अन्दर बिसरख नाम के गाँव में रावण का जन्म हुआ था । ऐसा भी माना जाता है की इस गाँव का नाम रावण के पिता विश्रवा के नाम पर पड़ा है । पहले इस गाँव का नाम विश्रवा ही था मगर समय के बदलते इसका नाम बदलकर बिसरख हो गया । यहाँ पर एक शिवलिंग है जिसकी रावण और उसके पिता विश्रवा पूजा किया करते थे । ये स्वयंभू शिवलिंग 100 साल पहले ही धरती से निकल गया । यह अष्टकोण के आकार में है । यहाँ दशहरा नहीं मनाया जाता है । दशहरे के दिन यहाँ रावण की मृत्यु का मातम मनाया जाता है । रावण को समर्पित एक मंदिर यहाँ बनाया जा रहा है । जिसकी लागत 2 करोड़ रुपये है । इसमें 42 फुट लम्बा शिवलिंग होगा और 5 . . 5 फुट का रावण का चित्र लगाया जाएगा ।


रावण के पिता का नाम 

विश्रवा : - विश्र्वा महान ऋषि पुलस्त्य के पुत्र थे । विश्वा का अर्थ है वेद ध्वनि सुनने वाला । उनकी दो पत्नियां थीं । एक का नाम देववर्णिनी था और एक का नाम कैकसी था ।

रावण की माता का नाम 

रावण की माता का नाम कैकसी था । कैकसी एक राक्षसी थी । कैकसी को केशिनी और निकषा के नाम से भी जानी जाती है । वह विश्रवा मुनि की दूसरी पत्नी थीं । कैकसी ने रावण जैसा पुत्र प्राप्त करने के लिए ही विश्रवा मुनि से विवाह किया था ताकि वो देवताओं को हरा कर राक्षस वंश को बढ़ा सके ।



रावण के दादा और दादी का नाम 

रावण के दादा ब्रह्मा के पुत्र महर्षि पुलस्त्य थे और दादी का नाम हविर्भुवा था ।

 रावण की नाना और नानी का नाम 

रावण के नाना का नाम सुमाली और नानी का नाम केतुमती था ।


रावण के भाइयों और बहनों के नाम 

रावण के भाई कुम्भकर्ण , विभीषण , अहिरावण , खर और दूषण थे । रावण का एक सौतेला भाई कुबेर भी था । जो रावण की सौतेली माँ देववर्णिनी के पुत्र थे । उसकी दो बहनें भी थी जिनका नाम शूर्पणखा और कुम्भिनी था ।


रावण की पत्नियों के नाम 

मंदोदरी असुरों के राजा मायासुर और उसकी पत्नी अप्सरा हेमा की पुत्री थी । मंदोदरी के इलावा उसकी एक पत्नी ध्यमालिनी भी थी ।


रावण के पुत्रों के नाम 

ये सब पढ़ कर रावण के कितने पुत्र थे ये सवाल तो अपने आप मन में आ जात्रा है तो आइये जानते हैं रावण के पुत्रों के बारे में : - रावण के त्रिशिरा , इन्द्रजीत और अक्षयकुमार पुत्र हुए हैं । मेघनाद ही इन्द्रजीत था । उसका ये नाम इंद्र को युद्ध में जीत लेने के कारण पड़ा । अतिकाय उसकी दूसरी पत्नी ध्यमालिनी का पुत्र था ।

रावण का निवास स्थान 

लंकापुरी , जोकि विश्वकर्मा जी ने राक्षसों के लिए बनायीं थी । विष्णु जी के डर से सारे राक्षस वह लंका छोड़ के चले गए । बाद में विश्वा जी ने कुबेर जी को दे दी । बाद में रावण ने कुबेर से यह लंका छीन ली और कुबेर को वहां से निकाल दिया । बाद में रावण ने इस _ _ पास अपना आधिपत्य स्थापित कर लिया ।


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